About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
Stotram could be the music. The Music of Perfection which is now not concealed due to progress. That may be, our spiritual growth and knowledge of the Chandi exposes the hidden meanings with the bija mantras in the Song.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
It retains the facility to deliver enlightenment through the contrasting Strength of Shiva and Shakti here and provides more than enough ability to encounter equally energies concurrently, which, subsequently, helps you realize your very own Vitality.
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः